गाजा में इजराईल द्बारा खून और गारत का सिलसिला जारी है। ये कैसी जंग है जिसमें सिर्फ़ इक मुल्क की फौज कहर बरपा कर रही है.और मरने वालों में मासूम बच्चों की संख्या ज्यादा है.ख़ुद को दुन्या का मुखिया समझ बैठा एक देश उस हिंसक हमलावर को समर्थन दे रहा है.गब्बर सिंह की तरह उसका अंदाज़ है.अगर मुंह खोला तो ज़बान बाहर कर देंगे.मेरे साथियों आओ इस समय हम इस बर्बरता का जवाब उनके सामानों का बहिष्कार कर करें.किसी शायार ने कहा है:
ये बात कहने की ऐ लोगों! एहतियाज नहीं
की बे-हिसी के मर्ज़ का कोई इलाज नहीं
जबीं-ऐ-वक्त प लिखा है साफ़ लफ्जों में
वो लोग मुर्दा हैं करते जो एहतिजाज नहीं
नीचे की इबारत को पढने के लिए डबल क्लिक करें:
.....LEARING and LIVING THE DEEN and FINDING THE BALANCE.....
Tuesday, January 6, 2009
मुखालिफत का अपना तरीका!
Posted by talib د عا ؤ ں کا طا لب at 10:11 AM
Labels: इजराईल/गाजा
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